मेरे बोल
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अपने मत का मान कीजिए
उसका यथोचित सम्मान कीजिए
छोटे-छोटे स्वार्थों में आकर
मत का मत अपमान कीजिए.
लोकतंत्र की पुकार यही है
आपका मत बेकार नहीं है
ये ही तो बस आपका अपना है
किसी और का अधिकार नहीं है.
लुभावने नारों से दूर रहकर
दृढ़ता से सोच-विचार कर
अपने अंतर्मन में ध्यान कीजिए
अपने मत को अपनी पहचान दीजिए.
मन में मत को स्पष्ट कीजिए
वक्त पर मत को व्यक्त कीजिए
यों ही नहीं मत ‘दान’ कीजिए
अपने मत का मान कीजिए.
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